
देशभर के बैंकों ने आखिरकार डिजिटल जमाने को थोड़ी ब्रेक लगा दी है। वजह? बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड, फर्जी अकाउंट्स और पहचान चोरी के मामले। अब बैंक कह रहे हैं— “Online account opening ठीक है, पर verification के लिए खुद दर्शन देने होंगे!”
ICICI, HDFC, SBI, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा—सब ने वेरिफिकेशन रूल्स को और कड़ा कर दिया है।
क्यों बदले गए नियम? – ऑनलाइन फ्रॉड का बढ़ता आतंक
साल 2024 में ICICI, SBI, BOB और BOI में कई फर्जी अकाउंट खोले गए, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी और मनी ट्रांसफर रैकेट्स में हुआ। Digital banking जितनी तेज़ी से बढ़ी, फ्रॉडस्टर्स ने भी उतनी ही तेजी से “अपग्रेड” कर लिया।
बैंकों ने कहा—अब बस! अब होगा In-person Verification Only.
क्या होगा अब? – Physical Verification की नई व्यवस्था
नया सिस्टम कहता है:
ऑनलाइन अकाउंट खोलो, लेकिन वेरिफिकेशन बैंक में आकर कराओ या रिलेशनशिप मैनेजर आपके घर आएंगे। बिना फिजिकल के KYC incomplete माना जाएगा। गलत KYC पर बैंक पर जुर्माना भी लग सकता है। ICICI ने Insta Account सर्विस बंद कर दी (सिर्फ salary account को छोड़कर)
अब बैंक कह रहे हैं— “E-KYC ठीक है, पर Real KYC ज्यादा safe है।”

डिजिटल बैंकिंग को झटका? – हाँ, पर जरूरी
Digital India को थोड़ी ब्रेक तो लगी है… पर जब फर्जी अकाउंट से करोड़ों घूमने लगें, तो ब्रेक मारना ही पड़ता है।
बैंकों का मानना है— थोड़ा ऑफलाइन चलेंगे, पर सुरक्षित चलेंगे।
2024 की फ्रॉड रिपोर्ट
फर्जी अकाउंट्स में अचानक बूम। गलत KYC पर बड़े बैंक हुए लाल-पीले। कई ब्रांचेज़ ने सिर्फ अपने एरिया के ही अकाउंट खोलना शुरू किया। Savings account तक की KYC अब सख़्त।
कल तक लोग कहते थे, “बैंक क्यों जाए? सब ऑनलाइन हो जाता है!”
अब बैंक कह रहे—“Online भूलो, पहले आधार-मताधार लेकर आओ।”
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